आज उनकी खबर ने जिंदा किया हमे
यादोंकी गहराई में दफना दिया हमें
कुछ तो सुकून मिला एक पलभरही सही
पलभर की ही बारिश ने गीला किया हमें
नहीं समझा सके इन आंखोकी नमी को
यही कहा दिल ने 'क्यों रुला दिया हमें?'
सहमेसे इस दिल ने अब पत्थर बनके
गीली गीली यादोंसे बस पर्दा किया हमें
----आदित्य
यादोंकी गहराई में दफना दिया हमें
कुछ तो सुकून मिला एक पलभरही सही
पलभर की ही बारिश ने गीला किया हमें
नहीं समझा सके इन आंखोकी नमी को
यही कहा दिल ने 'क्यों रुला दिया हमें?'
सहमेसे इस दिल ने अब पत्थर बनके
गीली गीली यादोंसे बस पर्दा किया हमें
----आदित्य