खाउनिया गोड | साखरेची जोड |
चरण्याची खोड | लागलेली ||
पंगतीचे पान | भरोनिया छान |
विसरून भान | खाऊ लागे ||
पानाचिये पुढे | तुटोनिया पड़े |
वाढप्यांची उड़े | तारांबळ ||
जेवताना श्लोक | म्हणण्याचा षोक |
पुण्यवंत लोक | राखतात ||
आग्रहाचा घास | भरवाया ख़ास |
बायकोचे पास | जाऊ लागी ||
बायकोने घ्यावं | नव-याचे नाव |
लाजण्याचा आव | आणोनिया ||
पैजेचाही खेळ | कितीतरी वेळ |
हिशेबाचा मेळ | घालितासे ||
संपता पंगत | तोंड ही रंगत |
खादाड संगत | आजूबाजू ||
पडावे निवांत | दुपारी एकांत |
घोरोनिया प्रांत | हादरावा ||
पुढच्या सणात | कोंणाच्या कशात |
चर्चा ही घरात | चालू राही ||
भूक भागावी | इतकेचि खावे |
म्हणतात सारे | संतजन ||
म्हणोनि अभंग | भरोनिया रंग |
खादाडांसी दंग | चला करू ||
------- आदित्य देवधर
Friday, March 12, 2010
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