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Friday, March 12, 2010

खादाड पंगत

खाउनिया गोड | साखरेची जोड |
चरण्याची खोड | लागलेली  ||

पंगतीचे पान | भरोनिया छान |
विसरून भान | खाऊ लागे ||

पानाचिये पुढे  | तुटोनिया पड़े  |
वाढप्यांची उड़े | तारांबळ ||

जेवताना श्लोक | म्हणण्याचा षोक |
पुण्यवंत लोक  | राखतात ||

आग्रहाचा घास | भरवाया ख़ास |
बायकोचे पास | जाऊ लागी ||

बायकोने घ्यावं | नव-याचे नाव  |
लाजण्याचा आव | आणोनिया ||

पैजेचाही खेळ | कितीतरी वेळ |
हिशेबाचा मेळ | घालितासे ||

संपता पंगत | तोंड ही रंगत |
खादाड संगत | आजूबाजू ||

पडावे निवांत | दुपारी एकांत |
घोरोनिया प्रांत | हादरावा ||

पुढच्या सणात | कोंणाच्या कशात |
चर्चा ही घरात | चालू राही ||

भूक भागावी | इतकेचि खावे |
म्हणतात सारे | संतजन ||

म्हणोनि  अभंग |  भरोनिया रंग |
खादाडांसी दंग | चला करू ||

------- आदित्य देवधर

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