क्यूं नहीं लागे मेरा मन
क्यूं कहीं भागे मेरा मनदेखलो शायद वहीं पे
आह भरता हो मेरा मन
उड़ चले वो चाँद छूने
चांदनी की सेज बुनने
सो वहीं जाए अकेले
देखके सपने मेरा मन
एक बर्फीले जहां में
धुंद गीले आसमाँ में
बादलों में घर बनाके
बूंद बन जाये मेरा मन
एक तितली बनके आये
आप, और बस चल दिए
दो घड़ी रुकते ज़रा और
ले चले जाते मेरा मन
एक तितली बनके आये
आप, और बस चल दिए
दो घड़ी रुकते ज़रा और
ले चले जाते मेरा मन
---------आदित्य देवधर
2 comments:
Cool poem - Mera Man title pan chhan.. aata tyala Tune de ... Hindi Movie madhla Song watel tey.. Chhan lihitos.
Dhanyawaad!!!!
chal vagaire lavayala nahi jamat. kasabasa lihito tech khupe....
tula kahi suchali tar sang
:P
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