जिंदगीभर दिल दुखाया है तुम्हारा
एक बस मौका हमें अब दीजिये
आपसे रुसवा न हमको कीजिये
रूठकर यूं छोड़के जाओ न हमको
जिंदगी से तोड़के जाओ न हमको
क्या करेंगे हम तेरे बिन, सोचिये
आपसे रुसवा न हमको कीजिये
क्या कहूं मजबूर था मैं इस कदर के
कह न पाया राज-ए दिल का चाहकरके
दर्द ए दिल कि ये जुबाँ सुन लीजिये
आपसे रुसवा न हमको कीजिये
आँख यादोंसे मेरी ऐसे भरी है
रात आंखोसे उतर ऐसी जली है
आगोश में अपने हमें बस लीजिए
एक बस मौका हमें अब दीजिये
आपसे रुसवा न हमको कीजिये
रूठकर यूं छोड़के जाओ न हमको
जिंदगी से तोड़के जाओ न हमको
क्या करेंगे हम तेरे बिन, सोचिये
आपसे रुसवा न हमको कीजिये
क्या कहूं मजबूर था मैं इस कदर के
कह न पाया राज-ए दिल का चाहकरके
दर्द ए दिल कि ये जुबाँ सुन लीजिये
आपसे रुसवा न हमको कीजिये
आँख यादोंसे मेरी ऐसे भरी है
रात आंखोसे उतर ऐसी जली है
आगोश में अपने हमें बस लीजिए
आपसे रुसवा न हमको कीजिये
-----आदित्य देवधर
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