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Tuesday, May 17, 2011

याद

एक ही चेहरा हमें बस याद आये
दर्द का एहसास जब भी याद आये

भीतरी कोनेसे उठकर रो पडा गम
आँसुओ में मुस्कुराना याद आये

ढूंढ के हम थक गए दिल को हमारे
प्यार का उठता जनाज़ा याद आये

भूलके भी रात को सोते नहीं जब
ख्व़ाब को दिल से मिटाना याद आये

तरसा किये थे आपके दीदार को हम
यादको ही याद करना याद आये 

---आदित्य देवधर 

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