तेरे नैना छुप छुप के
जो बातें मुझसे करते हैं
छू जाती हैं दिल को लेकिन
होंठ सिले ही रहते हैं
इन आंखोकी गहराईमे
गिर जाए ना चाँद कहीं
झील के किनारोंपे देखो
तारे पहरा करते हैं
खो जाता हूं कहीं न जाने
नीली नीली झील जानने
अनजाने खाबोंके रस्ते
वहीं कहींसे गुजरते हैं
याद है मुझे शाम सुहानी
आसमानसे शरमाती थी
उसी शाम के रंग सिमटकर
जजबातोंको संवरते हैं
कह भी दो अब आँखोसे तुम
हाँ या ना जो भी सो हो
दीदार आपका हो जाए,
बस यही तमन्ना करते हैं
---आदित्य
जो बातें मुझसे करते हैं
छू जाती हैं दिल को लेकिन
होंठ सिले ही रहते हैं
इन आंखोकी गहराईमे
गिर जाए ना चाँद कहीं
झील के किनारोंपे देखो
तारे पहरा करते हैं
खो जाता हूं कहीं न जाने
नीली नीली झील जानने
अनजाने खाबोंके रस्ते
वहीं कहींसे गुजरते हैं
याद है मुझे शाम सुहानी
आसमानसे शरमाती थी
उसी शाम के रंग सिमटकर
जजबातोंको संवरते हैं
कह भी दो अब आँखोसे तुम
हाँ या ना जो भी सो हो
दीदार आपका हो जाए,
बस यही तमन्ना करते हैं
---आदित्य
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